कुमारसम्भवम् — 2.49
Original
Segmented
जय-आशा यत्र च नः प्रतिघात-उत्थित-अर्चिषा हरि-चक्रेण तेन अस्य कण्ठे निष्क इव अर्पितः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
जय | जय | pos=n,comp=y |
आशा | आशा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
यत्र | यत्र | pos=i |
च | च | pos=i |
नः | मद् | pos=n,g=,c=6,n=p |
प्रतिघात | प्रतिघात | pos=n,comp=y |
उत्थित | उत्था | pos=va,comp=y,f=part |
अर्चिषा | अर्चिस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
हरि | हरि | pos=n,comp=y |
चक्रेण | चक्र | pos=n,g=n,c=3,n=s |
तेन | तद् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
कण्ठे | कण्ठ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
निष्क | निष्क | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
अर्पितः | अर्पय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |