कोकिलसंदेशः — 2.55
Original
Segmented
तीर्त्वा रात्रिम् विरह-महतीम् तीव्र-तापाम् कथञ्चिद् दृष्ट्वा भानोः किरणम् अरुणम् जम्भ-शत्रोः दिः-अन्ते प्रत्युद्यान्तीम् त्वरितम् अबलाम् श्लिष्यते भाग्य-सीमन् सारङ्ग-अक्षि स्पृहयति मनो हन्त चक्र-आख्य-युवन्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तीर्त्वा | तृ | pos=vi |
रात्रिम् | रात्रि | pos=n,g=f,c=2,n=s |
विरह | विरह | pos=n,comp=y |
महतीम् | महत् | pos=a,g=f,c=2,n=s |
तीव्र | तीव्र | pos=a,comp=y |
तापाम् | ताप | pos=n,g=f,c=2,n=s |
कथञ्चिद् | कथंचिद् | pos=i |
दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
भानोः | भानु | pos=n,g=m,c=6,n=s |
किरणम् | किरण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अरुणम् | अरुण | pos=a,g=m,c=2,n=s |
जम्भ | जम्भ | pos=n,comp=y |
शत्रोः | शत्रु | pos=n,g=m,c=6,n=s |
दिः | दिश् | pos=n,comp=y |
अन्ते | अन्त | pos=n,g=m,c=7,n=s |
प्रत्युद्यान्तीम् | प्रत्युद्या | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
त्वरितम् | त्वरितम् | pos=i |
अबलाम् | अबला | pos=n,g=f,c=2,n=s |
श्लिष्यते | श्लिष् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
भाग्य | भाग्य | pos=n,comp=y |
सीमन् | सीमन् | pos=n,g=n,c=4,n=s |
सारङ्ग | सारङ्ग | pos=n,comp=y |
अक्षि | अक्ष | pos=a,g=f,c=8,n=s |
स्पृहयति | स्पृहय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
मनो | मनस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
हन्त | हन्त | pos=i |
चक्र | चक्र | pos=n,comp=y |
आख्य | आख्य | pos=a,comp=y |
युवन् | युवन् | pos=n,g=,c=4,n=s |