कोकिलसंदेशः — 2.49
Original
Segmented
एवम् ब्रूयाः पुनः अजनि यः प्रेम-कोपे मिथो वाम् जाते मौने चपल-चपलः तद्-क्षणम् पूर्व-मुक्तौ तादृः प्रेमन् चिर-विरहिनः प्राणनाथस्य वाणी सा इयम् मत्तः श्रवण-सरस् श्रूयताम् श्रवणीय-बन्धा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
एवम् | एवम् | pos=i |
ब्रूयाः | ब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=vidhilin |
पुनः | पुनर् | pos=i |
अजनि | जन् | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्रेम | प्रेमन् | pos=n,comp=y |
कोपे | कोप | pos=n,g=m,c=7,n=s |
मिथो | मिथस् | pos=i |
वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=d |
जाते | जन् | pos=va,g=n,c=7,n=s,f=part |
मौने | मौन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
चपल | चपल | pos=a,comp=y |
चपलः | चपल | pos=a,g=m,c=1,n=s |
तद् | तद् | pos=n,comp=y |
क्षणम् | क्षण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
पूर्व | पूर्व | pos=n,comp=y |
मुक्तौ | मुक्ति | pos=n,g=f,c=7,n=s |
तादृः | तादृश् | pos=a,g=f,c=1,n=s |
प्रेमन् | प्रेमन् | pos=n,g=,c=6,n=s |
चिर | चिर | pos=a,comp=y |
विरहिनः | विरहिन् | pos=a,g=m,c=6,n=s |
प्राणनाथस्य | प्राणनाथ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
वाणी | वाणी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
सा | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
इयम् | इदम् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
मत्तः | मद् | pos=n,g=m,c=5,n=s |
श्रवण | श्रवण | pos=n,comp=y |
सरस् | सरस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
श्रूयताम् | श्रु | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
श्रवणीय | श्रु | pos=va,comp=y,f=krtya |
बन्धा | बन्ध | pos=n,g=f,c=1,n=s |