कोकिलसंदेशः — 2.41
Original
Segmented
निद्राम् प्राप्ता कथम् अपि चिरात् तत्र च आलोकिन् माम् शून्य-आश्लेषम् विरचितवती हन्त घातात् कुच-अद्रि निर्भिन्दाना निज-कर-धृतम् कङ्कणम् स्रस्त-शेषम् पश्यन्तीनाम् नयन-कमले बध्नती वा सखीनाम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
निद्राम् | निद्रा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
प्राप्ता | प्राप् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
कथम् | कथम् | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
चिरात् | चिरात् | pos=i |
तत्र | तत्र | pos=i |
च | च | pos=i |
आलोकिन् | आलोकिन् | pos=a,g=f,c=1,n=s |
माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
शून्य | शून्य | pos=a,comp=y |
आश्लेषम् | आश्लेष | pos=n,g=m,c=2,n=s |
विरचितवती | विरचय् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
हन्त | हन्त | pos=i |
घातात् | घात | pos=n,g=m,c=5,n=s |
कुच | कुच | pos=n,comp=y |
अद्रि | अद्रि | pos=n,g=m,c=6,n=d |
निर्भिन्दाना | निर्भिद् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
निज | निज | pos=a,comp=y |
कर | कर | pos=n,comp=y |
धृतम् | धृ | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
कङ्कणम् | कङ्कण | pos=n,g=n,c=2,n=s |
स्रस्त | स्रंस् | pos=va,comp=y,f=part |
शेषम् | शेष | pos=n,g=n,c=2,n=s |
पश्यन्तीनाम् | दृश् | pos=va,g=f,c=6,n=p,f=part |
नयन | नयन | pos=n,comp=y |
कमले | कमल | pos=n,g=n,c=2,n=d |
बध्नती | बन्ध् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
वा | वा | pos=i |
सखीनाम् | सखी | pos=n,g=f,c=6,n=p |