कोकिलसंदेशः — 2.20
Original
Segmented
पश्यन् एनाम् बहल-सुषमा-मण्डली-अन्तः निमग्नाम् मध्ये अन्यासाम् अपि चल-दृशाम् ज्ञास्यसे नो कथम् त्वम् ज्योत्स्ना-जाल-स्नपित-भुवना तारकाणाम् समीपे चान्द्री मूर्तिः कथय जगतो ज्ञाप्यते केन रात्रौ
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
पश्यन् | दृश् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
एनाम् | एनद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
बहल | बहल | pos=a,comp=y |
सुषमा | सुषमा | pos=n,comp=y |
मण्डली | मण्डल | pos=n,comp=y |
अन्तः | अन्तर् | pos=i |
निमग्नाम् | निमज्ज् | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
मध्ये | मध्य | pos=n,g=n,c=7,n=s |
अन्यासाम् | अन्य | pos=n,g=f,c=6,n=p |
अपि | अपि | pos=i |
चल | चल | pos=a,comp=y |
दृशाम् | दृश् | pos=n,g=f,c=6,n=p |
ज्ञास्यसे | ज्ञा | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |
नो | नो | pos=i |
कथम् | कथम् | pos=i |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
ज्योत्स्ना | ज्योत्स्ना | pos=n,comp=y |
जाल | जाल | pos=n,comp=y |
स्नपित | स्नपय् | pos=va,comp=y,f=part |
भुवना | भुवन | pos=n,g=f,c=1,n=s |
तारकाणाम् | तारका | pos=n,g=f,c=6,n=p |
समीपे | समीप | pos=n,g=n,c=7,n=s |
चान्द्री | चान्द्र | pos=a,g=f,c=1,n=s |
मूर्तिः | मूर्ति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
कथय | कथय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
जगतो | जगन्त् | pos=n,g=n,c=6,n=s |
ज्ञाप्यते | ज्ञापय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
केन | केन | pos=i |
रात्रौ | रात्रि | pos=n,g=f,c=7,n=s |