कोकिलसंदेशः — 1.87
Original
Segmented
काली-वासम् भज पथि महत् काननम् यत्र शश्वत् सेवा-आयाते त्रिदश-निकरे श्राद्धदेव-औपवाह्यम् भूतेभिः भिद् बलि-महिषः इति उद्भटैः कृष्ट-शृङ्गे रज्जु-गृहीत्वा रुदति विजया रूढ-हासम् रुणद्धि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
काली | काली | pos=n,comp=y |
वासम् | वास | pos=n,g=m,c=2,n=s |
भज | भज् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
पथि | पथिन् | pos=n,g=,c=7,n=s |
महत् | महत् | pos=a,g=n,c=2,n=s |
काननम् | कानन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
यत्र | यत्र | pos=i |
शश्वत् | शश्वत् | pos=i |
सेवा | सेवा | pos=n,comp=y |
आयाते | आया | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
त्रिदश | त्रिदश | pos=n,comp=y |
निकरे | निकर | pos=n,g=m,c=7,n=s |
श्राद्धदेव | श्राद्धदेव | pos=n,comp=y |
औपवाह्यम् | औपवाह्य | pos=a,g=n,c=1,n=s |
भूतेभिः | भूत | pos=n,g=m,c=3,n=p |
भिद् | भिद् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=krtya |
बलि | बलि | pos=n,comp=y |
महिषः | महिष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |
उद्भटैः | उद्भट | pos=a,g=m,c=3,n=p |
कृष्ट | कृष् | pos=va,comp=y,f=part |
शृङ्गे | शृङ्ग | pos=n,g=n,c=7,n=s |
रज्जु | रज्जु | pos=n,comp=y |
गृहीत्वा | ग्रह् | pos=vi |
रुदति | रुद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
विजया | विजया | pos=n,g=f,c=1,n=s |
रूढ | रुह् | pos=va,comp=y,f=part |
हासम् | हास | pos=n,g=m,c=2,n=s |
रुणद्धि | रुध् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |