कोकिलसंदेशः — 1.84
Original
Segmented
भूषा-भोगि-श्वसित-पवनैः फाल-नेत्रे प्रदीप्ते स्विन्नस्य इन्दोः अमृत-पृषतैः ऊर्जितम् निर्गलद्भिः मौलौ यस्य द्रुहिण-शिरस् मण्डलम् मण्डप-अन्तः क्ष्मा-देवानाम् श्रुति-पद-जुषाम् संशयान् उच्छिनत्ति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भूषा | भूषा | pos=n,comp=y |
भोगि | भोगिन् | pos=n,comp=y |
श्वसित | श्वसित | pos=n,comp=y |
पवनैः | पवन | pos=n,g=m,c=3,n=p |
फाल | फाल | pos=n,comp=y |
नेत्रे | नेत्र | pos=n,g=n,c=1,n=d |
प्रदीप्ते | प्रदीप् | pos=va,g=n,c=1,n=d,f=part |
स्विन्नस्य | स्विद् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
इन्दोः | इन्दु | pos=n,g=m,c=6,n=s |
अमृत | अमृत | pos=n,comp=y |
पृषतैः | पृषत | pos=n,g=m,c=3,n=p |
ऊर्जितम् | ऊर्जय् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
निर्गलद्भिः | निर्गल् | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
मौलौ | मौलि | pos=n,g=m,c=7,n=s |
यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
द्रुहिण | द्रुहिण | pos=n,comp=y |
शिरस् | शिरस् | pos=n,g=n,c=6,n=p |
मण्डलम् | मण्डल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
मण्डप | मण्डप | pos=n,comp=y |
अन्तः | अन्तर् | pos=i |
क्ष्मा | क्ष्मा | pos=n,comp=y |
देवानाम् | देव | pos=n,g=m,c=6,n=p |
श्रुति | श्रुति | pos=n,comp=y |
पद | पद | pos=n,comp=y |
जुषाम् | जुष् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
संशयान् | संशय | pos=n,g=m,c=2,n=p |
उच्छिनत्ति | उच्छिद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |