कोकिलसंदेशः — 1.67
Original
Segmented
यत्र ज्ञात्वा कृत-निलयनाम् इन्दिराम् आत्म-कन्याम् मन्ये स्नेह-आकुलित-हृदयः वाहिनीनाम् विवोढा तत् तद् द्वीप-अन्तर-शत-समानी-रत्न-ओघ-पूर्णम् नौका-जालम् मुहुः उपहृ वीचिभिः श्लिष्यति इव
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यत्र | यत्र | pos=i |
ज्ञात्वा | ज्ञा | pos=vi |
कृत | कृ | pos=va,comp=y,f=part |
निलयनाम् | निलयन | pos=n,g=f,c=2,n=s |
इन्दिराम् | इन्दिरा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
आत्म | आत्मन् | pos=n,comp=y |
कन्याम् | कन्या | pos=n,g=f,c=2,n=s |
मन्ये | मन् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
स्नेह | स्नेह | pos=n,comp=y |
आकुलित | आकुलित | pos=a,comp=y |
हृदयः | हृदय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वाहिनीनाम् | वाहिनी | pos=n,g=f,c=6,n=p |
विवोढा | विवोढृ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
द्वीप | द्वीप | pos=n,comp=y |
अन्तर | अन्तर | pos=a,comp=y |
शत | शत | pos=n,comp=y |
समानी | समानी | pos=va,comp=y,f=part |
रत्न | रत्न | pos=n,comp=y |
ओघ | ओघ | pos=n,comp=y |
पूर्णम् | पृ | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
नौका | नौका | pos=n,comp=y |
जालम् | जाल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
मुहुः | मुहुर् | pos=i |
उपहृ | उपहृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
वीचिभिः | वीचि | pos=n,g=m,c=3,n=p |
श्लिष्यति | श्लिष् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
इव | इव | pos=i |