कोकिलसंदेशः — 1.42
Original
Segmented
प्राप् ते यदि कृत-महः वाङ्मयी-तीर-वासी देवो दक्ष-अध्वर-विमथन-उड्डामरः चन्द्रचूडः आस्ते शित-त्रिशिख-शिखया दारुकम् जघ्नुषी सा यस्य अदूरे मृगपति-शिरः-स्था भद्रकाली
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्राप् | प्राप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=krtya |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
यदि | यदि | pos=i |
कृत | कृ | pos=va,comp=y,f=part |
महः | मह | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वाङ्मयी | वाङ्मयी | pos=n,comp=y |
तीर | तीर | pos=n,comp=y |
वासी | वासिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
देवो | देव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
दक्ष | दक्ष | pos=n,comp=y |
अध्वर | अध्वर | pos=n,comp=y |
विमथन | विमथन | pos=n,comp=y |
उड्डामरः | उड्डामर | pos=a,g=m,c=1,n=s |
चन्द्रचूडः | चन्द्रचूड | pos=n,g=m,c=1,n=s |
आस्ते | आस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
शित | शा | pos=va,comp=y,f=part |
त्रिशिख | त्रिशिख | pos=n,comp=y |
शिखया | शिखा | pos=n,g=f,c=3,n=s |
दारुकम् | दारुक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
जघ्नुषी | हन् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
सा | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
अदूरे | अदूर | pos=n,g=n,c=7,n=s |
मृगपति | मृगपति | pos=n,comp=y |
शिरः | शिरस् | pos=n,comp=y |
स्था | स्था | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
भद्रकाली | भद्रकाली | pos=n,g=f,c=1,n=s |