कोकिलसंदेशः — 1.41
Original
Segmented
दृष्ट्वा तत्र आमलक-धरणी-मन्दिरम् शार्ङ्गपाणिम् तस्मात् शैलात् तटम् अवतरन् किंचिद् आकुञ्च्य पक्षौ कूले ऽम्भोधेः क्रमुक-कलिलाम् केरल-क्षोणिम् अग्रे पश्य स्फीताम् भृगुसुत-भुज-अ विक्रम-उपक्रमम् या
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
तत्र | तत्र | pos=i |
आमलक | आमलक | pos=n,comp=y |
धरणी | धरणी | pos=n,comp=y |
मन्दिरम् | मन्दिर | pos=n,g=n,c=2,n=s |
शार्ङ्गपाणिम् | शार्ङ्गपाणि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तस्मात् | तद् | pos=n,g=m,c=5,n=s |
शैलात् | शैल | pos=n,g=m,c=5,n=s |
तटम् | तट | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अवतरन् | अवतृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
किंचिद् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
आकुञ्च्य | आकुञ्चय् | pos=vi |
पक्षौ | पक्ष | pos=n,g=m,c=2,n=d |
कूले | कूल | pos=n,g=n,c=7,n=s |
ऽम्भोधेः | अम्भोधि | pos=n,g=m,c=6,n=s |
क्रमुक | क्रमुक | pos=n,comp=y |
कलिलाम् | कलिल | pos=a,g=f,c=2,n=s |
केरल | केरल | pos=n,comp=y |
क्षोणिम् | क्षोणि | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अग्रे | अग्र | pos=n,g=n,c=7,n=s |
पश्य | पश् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
स्फीताम् | स्फीत | pos=a,g=f,c=2,n=s |
भृगुसुत | भृगुसुत | pos=n,comp=y |
भुज | भुज | pos=n,comp=y |
अ | अ | pos=i |
विक्रम | विक्रम | pos=n,comp=y |
उपक्रमम् | उपक्रम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
या | यद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |