कोकिलसंदेशः — 1.37
Original
Segmented
तत्रत्यानाम् रुचिर-चिकुर-न्यस्त-सौगन्धिकानाम् तारुण्य-ऊष्म-आञ्च्-कुच-तटी-वित्रुट्-कञ्चुकानाम् नासा-मुक्ता-आभरण-किरण-उन्मिश्र-मन्द-स्मितानाम् वेश-स्त्रीणाम् भवति विवशो विभ्रमैः दर्पकः ऽपि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तत्रत्यानाम् | तत्रत्य | pos=a,g=m,c=6,n=p |
रुचिर | रुचिर | pos=a,comp=y |
चिकुर | चिकुर | pos=n,comp=y |
न्यस्त | न्यस् | pos=va,comp=y,f=part |
सौगन्धिकानाम् | सौगन्धिक | pos=n,g=f,c=6,n=p |
तारुण्य | तारुण्य | pos=n,comp=y |
ऊष्म | ऊष्मन् | pos=n,comp=y |
आञ्च् | आञ्च् | pos=va,comp=y,f=part |
कुच | कुच | pos=n,comp=y |
तटी | तटी | pos=n,comp=y |
वित्रुट् | वित्रुट् | pos=va,comp=y,f=part |
कञ्चुकानाम् | कञ्चुक | pos=n,g=f,c=6,n=p |
नासा | नासा | pos=n,comp=y |
मुक्ता | मुक्ता | pos=n,comp=y |
आभरण | आभरण | pos=n,comp=y |
किरण | किरण | pos=n,comp=y |
उन्मिश्र | उन्मिश्र | pos=a,comp=y |
मन्द | मन्द | pos=a,comp=y |
स्मितानाम् | स्मित | pos=n,g=f,c=6,n=p |
वेश | वेश | pos=n,comp=y |
स्त्रीणाम् | स्त्री | pos=n,g=f,c=6,n=p |
भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
विवशो | विवश | pos=a,g=m,c=1,n=s |
विभ्रमैः | विभ्रम | pos=n,g=m,c=3,n=p |
दर्पकः | दर्पक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |