किरातार्जुनीयम् — 8.45
Original
Segmented
परिस्फुरत्-मीन-विघट्टय्-ऊरु सुर-अङ्गनाः त्रास-विलोल-दृष्टयः उपाययुः कम्प्-पाणिपल्लव सखि-जनस्य अपि विलोकय्-ताम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
परिस्फुरत् | परिस्फुर् | pos=va,comp=y,f=part |
मीन | मीन | pos=n,comp=y |
विघट्टय् | विघट्टय् | pos=va,comp=y,f=part |
ऊरु | ऊरु | pos=n,g=f,c=1,n=p |
सुर | सुर | pos=n,comp=y |
अङ्गनाः | अङ्गना | pos=n,g=f,c=1,n=p |
त्रास | त्रास | pos=n,comp=y |
विलोल | विलोल | pos=a,comp=y |
दृष्टयः | दृष्टि | pos=n,g=f,c=1,n=p |
उपाययुः | उपाया | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
कम्प् | कम्प् | pos=va,comp=y,f=part |
पाणिपल्लव | पाणिपल्लव | pos=n,g=f,c=1,n=p |
सखि | सखी | pos=n,comp=y |
जनस्य | जन | pos=n,g=m,c=6,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
विलोकय् | विलोकय् | pos=va,comp=y,f=krtya |
ताम् | ता | pos=n,g=f,c=2,n=s |