किरातार्जुनीयम् — 8.38
Original
Segmented
असंशयम् न्यस्तम् उपान्त-रक्त-ताम् यद् एव रोद्धुम् रमणीभिः अञ्जनम् हृते ऽपि तस्मिन् सलिलेन शुक्ल-ताम् निरास रागो नयनेषु न श्रियम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
असंशयम् | असंशयम् | pos=i |
न्यस्तम् | न्यस् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
उपान्त | उपान्त | pos=n,comp=y |
रक्त | रक्त | pos=a,comp=y |
ताम् | ता | pos=n,g=f,c=2,n=s |
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
एव | एव | pos=i |
रोद्धुम् | रुध् | pos=vi |
रमणीभिः | रमणी | pos=n,g=f,c=3,n=p |
अञ्जनम् | अञ्जन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
हृते | हृ | pos=va,g=n,c=7,n=s,f=part |
ऽपि | अपि | pos=i |
तस्मिन् | तद् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
सलिलेन | सलिल | pos=n,g=n,c=3,n=s |
शुक्ल | शुक्ल | pos=a,comp=y |
ताम् | ता | pos=n,g=f,c=2,n=s |
निरास | निरस् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
रागो | राग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
नयनेषु | नयन | pos=n,g=n,c=7,n=p |
न | न | pos=i |
श्रियम् | श्री | pos=n,g=f,c=2,n=s |