Original

उत्सृष्टध्वजकुथकङ्कटा धरित्रीम् आनीता विदितनयैः श्रमं विनेतुम् ।आक्षिप्तद्रुमगहना युगान्तवातैः पर्यस्ता गिरय इव द्विपा विरेजुः ॥

Segmented

उत्सृष्ट-ध्वज-कुथ-कङ्कटाः धरित्रीम् आनीता विदित-नयैः श्रमम् विनेतुम् आक्षिप्त-द्रुम-गहनाः युगान्त-वातैः पर्यस्ता गिरय इव द्विपा विरेजुः

Analysis

Word Lemma Parse
उत्सृष्ट उत्सृज् pos=va,comp=y,f=part
ध्वज ध्वज pos=n,comp=y
कुथ कुथ pos=n,comp=y
कङ्कटाः कङ्कट pos=n,g=m,c=1,n=p
धरित्रीम् धरित्री pos=n,g=f,c=2,n=s
आनीता आनी pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part
विदित विद् pos=va,comp=y,f=part
नयैः नय pos=n,g=m,c=3,n=p
श्रमम् श्रम pos=n,g=m,c=2,n=s
विनेतुम् विनी pos=vi
आक्षिप्त आक्षिप् pos=va,comp=y,f=part
द्रुम द्रुम pos=n,comp=y
गहनाः गहन pos=n,g=m,c=1,n=p
युगान्त युगान्त pos=n,comp=y
वातैः वात pos=n,g=m,c=3,n=p
पर्यस्ता पर्यस् pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part
गिरय गिरि pos=n,g=m,c=1,n=p
इव इव pos=i
द्विपा द्विप pos=n,g=m,c=1,n=p
विरेजुः विराज् pos=v,p=3,n=p,l=lit