किरातार्जुनीयम् — 7.29
Original
Segmented
क्लान्तो ऽपि त्रिदश-वधू-जनः पुरस्ताल् लीन-अहि-श्वसित-विलोल-पल्लवानाम् सेव्यानाम् हत-विनयैः इव आवृतानाम् सम्पर्कम् परिहरति स्म चन्दनानाम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
क्लान्तो | क्लम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽपि | अपि | pos=i |
त्रिदश | त्रिदश | pos=n,comp=y |
वधू | वधू | pos=n,comp=y |
जनः | जन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पुरस्ताल् | पुरस्तात् | pos=i |
लीन | ली | pos=va,comp=y,f=part |
अहि | अहि | pos=n,comp=y |
श्वसित | श्वसित | pos=n,comp=y |
विलोल | विलोल | pos=a,comp=y |
पल्लवानाम् | पल्लव | pos=n,g=m,c=6,n=p |
सेव्यानाम् | सेव् | pos=va,g=m,c=6,n=p,f=krtya |
हत | हन् | pos=va,comp=y,f=part |
विनयैः | विनय | pos=n,g=m,c=3,n=p |
इव | इव | pos=i |
आवृतानाम् | आवृ | pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part |
सम्पर्कम् | सम्पर्क | pos=n,g=m,c=2,n=s |
परिहरति | परिहृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
स्म | स्म | pos=i |
चन्दनानाम् | चन्दन | pos=n,g=m,c=6,n=p |