किरातार्जुनीयम् — 7.10
Original
Segmented
आमद्-भ्रमर-कुल-आकुलानि धुन्वन्न् उद्भूत-ग्रथित-रजांसि पङ्कजानि कान्तानाम् गगन-नदी-तरङ्ग-शीतः संतापम् विरमयति स्म मातरिश्वा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
आमद् | आमद् | pos=va,comp=y,f=part |
भ्रमर | भ्रमर | pos=n,comp=y |
कुल | कुल | pos=n,comp=y |
आकुलानि | आकुल | pos=a,g=n,c=2,n=p |
धुन्वन्न् | धू | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
उद्भूत | उद्भू | pos=va,comp=y,f=part |
ग्रथित | ग्रन्थ् | pos=va,comp=y,f=part |
रजांसि | रजस् | pos=n,g=n,c=2,n=p |
पङ्कजानि | पङ्कज | pos=n,g=n,c=2,n=p |
कान्तानाम् | कान्ता | pos=n,g=f,c=6,n=p |
गगन | गगन | pos=n,comp=y |
नदी | नदी | pos=n,comp=y |
तरङ्ग | तरंग | pos=n,comp=y |
शीतः | शीत | pos=a,g=m,c=1,n=s |
संतापम् | संताप | pos=n,g=m,c=2,n=s |
विरमयति | विरमय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
स्म | स्म | pos=i |
मातरिश्वा | मातरिश्वन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |