किरातार्जुनीयम् — 6.39
Original
Segmented
प्रणिधाय चित्तम् अथ भक्त-तया विदिते ऽप्य् अपूर्व इव तत्र हरिः उपलब्धुम् अस्य नियम-स्थिर-ताम् सुरसुन्दरीः इति वचो ऽभिदधे
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्रणिधाय | प्रणिधा | pos=vi |
चित्तम् | चित्त | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अथ | अथ | pos=i |
भक्त | भक्त | pos=n,comp=y |
तया | ता | pos=n,g=f,c=3,n=s |
विदिते | विद् | pos=va,g=n,c=7,n=s,f=part |
ऽप्य् | अपि | pos=i |
अपूर्व | अपूर्व | pos=a,g=m,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
तत्र | तत्र | pos=i |
हरिः | हरि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उपलब्धुम् | उपलभ् | pos=vi |
अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
नियम | नियम | pos=n,comp=y |
स्थिर | स्थिर | pos=a,comp=y |
ताम् | ता | pos=n,g=f,c=2,n=s |
सुरसुन्दरीः | सुरसुन्दरी | pos=n,g=f,c=2,n=p |
इति | इति | pos=i |
वचो | वचस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
ऽभिदधे | अभिधा | pos=v,p=3,n=s,l=lit |