किरातार्जुनीयम् — 6.35
Original
Segmented
उरु सत्त्वम् आह विपरिश्रमता परमम् वपुः प्रथयति इव जयम् शमिनो ऽपि तस्य नव-संगमने विभु-ता-अनुषङ्गिन् भयम् एति जनः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
उरु | उरु | pos=a,g=n,c=2,n=s |
सत्त्वम् | सत्त्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
आह | अह् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
विपरिश्रमता | विपरिश्रम् | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |
परमम् | परम | pos=a,g=n,c=2,n=s |
वपुः | वपुस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
प्रथयति | प्रथय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
इव | इव | pos=i |
जयम् | जय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
शमिनो | शमिन् | pos=a,g=m,c=6,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
नव | नव | pos=a,comp=y |
संगमने | संगमन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
विभु | विभु | pos=a,comp=y |
ता | ता | pos=n,comp=y |
अनुषङ्गिन् | अनुषङ्गिन् | pos=a,g=n,c=2,n=s |
भयम् | भय | pos=n,g=n,c=2,n=s |
एति | इ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
जनः | जन | pos=n,g=m,c=1,n=s |