किरातार्जुनीयम् — 4.20
Original
Segmented
ततः स सम्प्रेक्ष्य शरद्-गुण-श्रियम् शरद्-गुण-आलोकन-लोल-चक्षुषम् उवाच यक्षस् तम् अ चोदितः ऽपि गाम् न हि इङ्गित-ज्ञः ऽवसरे ऽवसीदति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ततः | ततस् | pos=i |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सम्प्रेक्ष्य | सम्प्रेक्ष् | pos=vi |
शरद् | शरद् | pos=n,comp=y |
गुण | गुण | pos=n,comp=y |
श्रियम् | श्री | pos=n,g=f,c=2,n=s |
शरद् | शरद् | pos=n,comp=y |
गुण | गुण | pos=n,comp=y |
आलोकन | आलोकन | pos=n,comp=y |
लोल | लोल | pos=a,comp=y |
चक्षुषम् | चक्षुस् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
यक्षस् | यक्ष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अ | अ | pos=i |
चोदितः | चोदय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽपि | अपि | pos=i |
गाम् | गो | pos=n,g=,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
हि | हि | pos=i |
इङ्गित | इङ्गित | pos=n,comp=y |
ज्ञः | ज्ञ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
ऽवसरे | अवसर | pos=n,g=m,c=7,n=s |
ऽवसीदति | अवसद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |