किरातार्जुनीयम् — 3.40
Original
Segmented
यशो ऽधिगन्तुम् सुख-लिप्सया वा मनुष्य-संख्याम् अतिवर्तितुम् वा निरुत्सुकानाम् अभियोग-भाजाम् समुत्सुका इव अङ्कम् उपैति सिद्धिः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यशो | यशस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
ऽधिगन्तुम् | अधिगम् | pos=vi |
सुख | सुख | pos=n,comp=y |
लिप्सया | लिप्सा | pos=n,g=f,c=3,n=s |
वा | वा | pos=i |
मनुष्य | मनुष्य | pos=n,comp=y |
संख्याम् | संख्या | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अतिवर्तितुम् | अतिवृत् | pos=vi |
वा | वा | pos=i |
निरुत्सुकानाम् | निरुत्सुक | pos=a,g=m,c=6,n=p |
अभियोग | अभियोग | pos=n,comp=y |
भाजाम् | भाज् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
समुत्सुका | समुत्सुक | pos=a,g=f,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
अङ्कम् | अङ्क | pos=n,g=m,c=2,n=s |
उपैति | उपे | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
सिद्धिः | सिद्धि | pos=n,g=f,c=1,n=s |