किरातार्जुनीयम् — 3.31
Original
Segmented
कृता आनति व्याहृत-सान्त्व-वादे जात-स्पृहः पुण्य-जनः स जिष्णौ इयाय सखि इव सम्प्रसादम् विश्वासयति आशु सताम् हि योगः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कृता | कृ | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
आनति | आनति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
व्याहृत | व्याहृ | pos=va,comp=y,f=part |
सान्त्व | सान्त्व | pos=n,comp=y |
वादे | वाद | pos=n,g=m,c=7,n=s |
जात | जन् | pos=va,comp=y,f=part |
स्पृहः | स्पृहा | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पुण्य | पुण्य | pos=a,comp=y |
जनः | जन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
जिष्णौ | जिष्णु | pos=n,g=m,c=7,n=s |
इयाय | इ | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
सखि | सखि | pos=n,g=,c=7,n=s |
इव | इव | pos=i |
सम्प्रसादम् | सम्प्रसाद | pos=n,g=m,c=2,n=s |
विश्वासयति | विश्वासय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
आशु | आशु | pos=i |
सताम् | सत् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
हि | हि | pos=i |
योगः | योग | pos=n,g=m,c=1,n=s |