किरातार्जुनीयम् — 2.2
Original
Segmented
यद् अवोचत वीक्ष्य मानिनी परितः स्नेह-मयेन चक्षुषा अपि वागधिपस्य दुर्वचम् वचनम् तद् विदधीत विस्मयम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अवोचत | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
वीक्ष्य | वीक्ष् | pos=vi |
मानिनी | मानिनी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
परितः | परितस् | pos=i |
स्नेह | स्नेह | pos=n,comp=y |
मयेन | मय | pos=a,g=n,c=3,n=s |
चक्षुषा | चक्षुस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
वागधिपस्य | वागधिप | pos=n,g=m,c=6,n=s |
दुर्वचम् | दुर्वच | pos=a,g=n,c=1,n=s |
वचनम् | वचन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
विदधीत | विधा | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
विस्मयम् | विस्मय | pos=n,g=m,c=2,n=s |