किरातार्जुनीयम् — 18.43
Original
Segmented
आस्तिक्य-शुद्धम् अवतः प्रिय-धर्म धर्मम् धर्मात्मजस्य विहित-आगसि शत्रु-वर्गे सम्प्राप्नुयाम् विजयम् ईश यया समृद्ध्या ताम् भूतनाथ विभु-ताम् वितर आहवेषु
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
आस्तिक्य | आस्तिक्य | pos=n,comp=y |
शुद्धम् | शुध् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
अवतः | अव् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
प्रिय | प्रिय | pos=a,comp=y |
धर्म | धर्म | pos=n,g=m,c=8,n=s |
धर्मम् | धर्म | pos=n,g=m,c=2,n=s |
धर्मात्मजस्य | धर्मात्मज | pos=n,g=m,c=6,n=s |
विहित | विधा | pos=va,comp=y,f=part |
आगसि | आगस् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
शत्रु | शत्रु | pos=n,comp=y |
वर्गे | वर्ग | pos=n,g=m,c=7,n=s |
सम्प्राप्नुयाम् | सम्प्राप् | pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin |
विजयम् | विजय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
ईश | ईश | pos=n,g=m,c=8,n=s |
यया | यद् | pos=n,g=f,c=3,n=s |
समृद्ध्या | समृद्धि | pos=n,g=f,c=3,n=s |
ताम् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
भूतनाथ | भूतनाथ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
विभु | विभु | pos=a,comp=y |
ताम् | ता | pos=n,g=f,c=2,n=s |
वितर | वितृ | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
आहवेषु | आहव | pos=n,g=m,c=7,n=p |