किरातार्जुनीयम् — 18.28
Original
Segmented
दृष्ट्वा दृश्यान्य् आचरणीयानि विधाय प्रेक्षा-कारी याति पदम् मुक्तम् अपायैः सम्यक् दृष्टिः तस्य परम् पश्यति यस् त्वाम् यः च उपास्ति साधु विधेयम् स विधत्ते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
दृश्यान्य् | दृश् | pos=va,g=n,c=2,n=p,f=krtya |
आचरणीयानि | आचर् | pos=va,g=n,c=2,n=p,f=krtya |
विधाय | विधा | pos=vi |
प्रेक्षा | प्रेक्षा | pos=n,comp=y |
कारी | कारिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
याति | या | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
पदम् | पद | pos=n,g=n,c=2,n=s |
मुक्तम् | मुच् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
अपायैः | अपाय | pos=n,g=m,c=3,n=p |
सम्यक् | सम्यक् | pos=i |
दृष्टिः | दृष्टि | pos=n,g=f,c=1,n=s |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
परम् | पर | pos=n,g=n,c=2,n=s |
पश्यति | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
यस् | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
उपास्ति | उपास् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
साधु | साधु | pos=a,g=n,c=2,n=s |
विधेयम् | विधा | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=krtya |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
विधत्ते | विधा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |