किरातार्जुनीयम् — 17.54
Original
Segmented
उपवह्-कल्याण-फलः ऽभिरक्षन् वीर-व्रतम् पुण्य-रण-आश्रम-स्थः जप-उपवासैः इव संयत-आत्मा तेपे मुनिस् तैः इषुभिः शिवस्य
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
उपवह् | उपवह् | pos=va,comp=y,f=part |
कल्याण | कल्याण | pos=a,comp=y |
फलः | फल | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽभिरक्षन् | अभिरक्ष् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
वीर | वीर | pos=n,comp=y |
व्रतम् | व्रत | pos=n,g=n,c=2,n=s |
पुण्य | पुण्य | pos=a,comp=y |
रण | रण | pos=n,comp=y |
आश्रम | आश्रम | pos=n,comp=y |
स्थः | स्थ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
जप | जप | pos=n,comp=y |
उपवासैः | उपवास | pos=n,g=m,c=3,n=p |
इव | इव | pos=i |
संयत | संयम् | pos=va,comp=y,f=part |
आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तेपे | तप् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
मुनिस् | मुनि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तैः | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
इषुभिः | इषु | pos=n,g=m,c=3,n=p |
शिवस्य | शिव | pos=n,g=m,c=6,n=s |