किरातार्जुनीयम् — 17.47
Original
Segmented
अचित्त-तायाम् अपि नाम युक्ताम् अन् ऊर्ध्व-ताम् प्राप्य तदीय-कृच्छ्रे महीम् गतौ ताव् इषुधी तदानीम् विवव्रतुः चेतनया इव योगम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अचित्त | अचित्त | pos=a,comp=y |
तायाम् | ता | pos=n,g=f,c=7,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
नाम | नाम | pos=i |
युक्ताम् | युज् | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
अन् | अन् | pos=i |
ऊर्ध्व | ऊर्ध्व | pos=a,comp=y |
ताम् | ता | pos=n,g=f,c=2,n=s |
प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
तदीय | तदीय | pos=a,comp=y |
कृच्छ्रे | कृच्छ्र | pos=n,g=n,c=7,n=s |
महीम् | मही | pos=n,g=f,c=2,n=s |
गतौ | गम् | pos=va,g=m,c=1,n=d,f=part |
ताव् | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=d |
इषुधी | इषुधि | pos=n,g=m,c=1,n=d |
तदानीम् | तदानीम् | pos=i |
विवव्रतुः | विवृ | pos=v,p=3,n=d,l=lit |
चेतनया | चेतना | pos=n,g=f,c=3,n=s |
इव | इव | pos=i |
योगम् | योग | pos=n,g=m,c=2,n=s |