किरातार्जुनीयम् — 17.41
Original
Segmented
प्रतिक्रियायै विधुरः स तस्मात् कृच्छ्रेण विश्लेषम् इयाय हस्तः पराङ्मुख-त्वे ऽपि कृत-उपकारात् तूणी-मुखात् मित्र-कुलात् इव आर्यः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्रतिक्रियायै | प्रतिक्रिया | pos=n,g=f,c=4,n=s |
विधुरः | विधुर | pos=a,g=m,c=1,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
कृच्छ्रेण | कृच्छ्र | pos=n,g=n,c=3,n=s |
विश्लेषम् | विश्लेष | pos=n,g=m,c=2,n=s |
इयाय | इ | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
हस्तः | हस्त | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पराङ्मुख | पराङ्मुख | pos=a,comp=y |
त्वे | त्व | pos=n,g=n,c=7,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
कृत | कृ | pos=va,comp=y,f=part |
उपकारात् | उपकार | pos=n,g=n,c=5,n=s |
तूणी | तूणी | pos=n,comp=y |
मुखात् | मुख | pos=n,g=n,c=5,n=s |
मित्र | मित्र | pos=n,comp=y |
कुलात् | कुल | pos=n,g=n,c=5,n=s |
इव | इव | pos=i |
आर्यः | आर्य | pos=a,g=m,c=1,n=s |