Original

उपैत्य् अनन्तद्युतिर् अप्य् असंशयं विभिन्नमूलो ऽनुदयाय संक्षयम् ।तथा हि तोयौघविभिन्नसंहतिः स हव्यवाहः प्रययौ पराभवम् ॥

Segmented

उपैत्य् अनन्त-द्युतिः अप्य् असंशयम् विभिद्-मूलः अन् उदयाय संक्षयम् तथा हि तोय-ओघ-विभिद्-संहतिः स हव्यवाहः प्रययौ पराभवम्

Analysis

Word Lemma Parse
उपैत्य् उपे pos=v,p=3,n=s,l=lat
अनन्त अनन्त pos=a,comp=y
द्युतिः द्युति pos=n,g=m,c=1,n=s
अप्य् अपि pos=i
असंशयम् असंशयम् pos=i
विभिद् विभिद् pos=va,comp=y,f=part
मूलः मूल pos=n,g=m,c=1,n=s
अन् अन् pos=i
उदयाय उदय pos=n,g=m,c=4,n=s
संक्षयम् संक्षय pos=n,g=m,c=2,n=s
तथा तथा pos=i
हि हि pos=i
तोय तोय pos=n,comp=y
ओघ ओघ pos=n,comp=y
विभिद् विभिद् pos=va,comp=y,f=part
संहतिः संहति pos=n,g=m,c=1,n=s
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
हव्यवाहः हव्यवाह pos=n,g=m,c=1,n=s
प्रययौ प्रया pos=v,p=3,n=s,l=lit
पराभवम् पराभव pos=n,g=m,c=2,n=s