किरातार्जुनीयम् — 16.59
Original
Segmented
जल-ओघ-सम्मूर्छन-मूर्छय्-स्वनः प्रसक्त-विद्युत्-लस्-एध्-द्युतिः प्रशान्तिम् एष्यन् धृत-धूम-मण्डलः बभूव भूयान् इव तत्र पावकः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
जल | जल | pos=n,comp=y |
ओघ | ओघ | pos=n,comp=y |
सम्मूर्छन | सम्मूर्छन | pos=n,comp=y |
मूर्छय् | मूर्छय् | pos=va,comp=y,f=part |
स्वनः | स्वन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्रसक्त | प्रसञ्ज् | pos=va,comp=y,f=part |
विद्युत् | विद्युत् | pos=n,comp=y |
लस् | लस् | pos=va,comp=y,f=part |
एध् | एध् | pos=va,comp=y,f=part |
द्युतिः | द्युति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्रशान्तिम् | प्रशान्ति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
एष्यन् | इ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
धृत | धृ | pos=va,comp=y,f=part |
धूम | धूम | pos=n,comp=y |
मण्डलः | मण्डल | pos=n,g=m,c=1,n=s |
बभूव | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
भूयान् | भूयस् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
तत्र | तत्र | pos=i |
पावकः | पावक | pos=n,g=m,c=1,n=s |