Original

त्रयीम् ऋतूनाम् अनिलाशिनः सतः प्रयाति पोषं वपुषि प्रहृष्यतः ।रणाय जिष्णोर् विदुषेव सत्वरं घनत्वम् ईये शिथिलेन वर्मणा ॥

Segmented

त्रयीम् ऋतूनाम् अनिल-आशिनः सतः प्रयाति पोषम् वपुषि प्रहृष्यतः रणाय जिष्णोः विदुषा इव स त्वरम् घन-त्वम् ईये शिथिलेन वर्मणा

Analysis

Word Lemma Parse
त्रयीम् त्रयी pos=n,g=f,c=2,n=s
ऋतूनाम् ऋतु pos=n,g=m,c=6,n=p
अनिल अनिल pos=n,comp=y
आशिनः आशिन् pos=a,g=m,c=6,n=s
सतः सत् pos=a,g=m,c=6,n=s
प्रयाति प्रया pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part
पोषम् पोष pos=n,g=m,c=2,n=s
वपुषि वपुस् pos=n,g=n,c=7,n=s
प्रहृष्यतः प्रहृष् pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part
रणाय रण pos=n,g=m,c=4,n=s
जिष्णोः जिष्णु pos=n,g=m,c=6,n=s
विदुषा विद्वस् pos=a,g=m,c=3,n=s
इव इव pos=i
pos=i
त्वरम् त्वरा pos=n,g=n,c=2,n=s
घन घन pos=a,comp=y
त्वम् त्व pos=n,g=n,c=2,n=s
ईये pos=v,p=3,n=s,l=lit
शिथिलेन शिथिल pos=a,g=m,c=3,n=s
वर्मणा वर्मन् pos=n,g=m,c=3,n=s