किरातार्जुनीयम् — 14.37
Original
Segmented
निषण्णम् आपत् प्रतिकार-कारणे शरासने धैर्य इव अनपायिन् अ लङ्घय् प्रकृताव् अपि स्थितम् निवात-निष्कम्पम् इव आपगा-पतिम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
निषण्णम् | निषद् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
आपत् | आप् | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
प्रतिकार | प्रतिकार | pos=n,comp=y |
कारणे | कारण | pos=n,g=n,c=7,n=s |
शरासने | शरासन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
धैर्य | धैर्य | pos=n,g=n,c=7,n=s |
इव | इव | pos=i |
अनपायिन् | अनपायिन् | pos=a,g=n,c=7,n=s |
अ | अ | pos=i |
लङ्घय् | लङ्घय् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=krtya |
प्रकृताव् | प्रकृति | pos=n,g=f,c=7,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
स्थितम् | स्था | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
निवात | निवात | pos=a,comp=y |
निष्कम्पम् | निष्कम्प | pos=a,g=m,c=2,n=s |
इव | इव | pos=i |
आपगा | आपगा | pos=n,comp=y |
पतिम् | पति | pos=n,g=m,c=2,n=s |