किरातार्जुनीयम् — 14.36
Original
Segmented
अनादर-उपात्त-धृत-एक-सायकम् जये ऽनुकूले सुहृदि इव स स्पृहम् शनैः अ पूर्ण-प्रतिकार-पेलवे निवेशयन्तम् नयने बल-उदधौ
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अनादर | अनादर | pos=n,comp=y |
उपात्त | उपदा | pos=va,comp=y,f=part |
धृत | धृ | pos=va,comp=y,f=part |
एक | एक | pos=n,comp=y |
सायकम् | सायक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
जये | जय | pos=n,g=m,c=7,n=s |
ऽनुकूले | अनुकूल | pos=a,g=m,c=7,n=s |
सुहृदि | सुहृद् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
इव | इव | pos=i |
स | स | pos=i |
स्पृहम् | स्पृहा | pos=n,g=m,c=2,n=s |
शनैः | शनैस् | pos=i |
अ | अ | pos=i |
पूर्ण | पृ | pos=va,comp=y,f=part |
प्रतिकार | प्रतिकार | pos=n,comp=y |
पेलवे | पेलव | pos=a,g=n,c=2,n=d |
निवेशयन्तम् | निवेशय् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
नयने | नयन | pos=n,g=n,c=2,n=d |
बल | बल | pos=n,comp=y |
उदधौ | उदधि | pos=n,g=m,c=7,n=s |