किरातार्जुनीयम् — 14.26
Original
Segmented
इति ईरय्-आकूतम् अनीलवाजिनम् जयाय दूतः प्रतितर्ज्य तेजसा ययौ समीपम् ध्वजिनीम् उपेयुषः प्रसन्न-रूपस्य विरूप-चक्षुषः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
इति | इति | pos=i |
ईरय् | ईरय् | pos=va,comp=y,f=part |
आकूतम् | आकूत | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अनीलवाजिनम् | अनीलवाजिन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
जयाय | जय | pos=n,g=m,c=4,n=s |
दूतः | दूत | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्रतितर्ज्य | प्रतितर्ज् | pos=vi |
तेजसा | तेजस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
ययौ | या | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
समीपम् | समीप | pos=n,g=n,c=2,n=s |
ध्वजिनीम् | ध्वजिनी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
उपेयुषः | उपे | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
प्रसन्न | प्रसद् | pos=va,comp=y,f=part |
रूपस्य | रूप | pos=n,g=m,c=6,n=s |
विरूप | विरूप | pos=a,comp=y |
चक्षुषः | चक्षुस् | pos=n,g=m,c=6,n=s |