किरातार्जुनीयम् — 14.1
Original
Segmented
ततः किरातस्य वचोभिः उद्धतैः पराहतः शैल इव अर्णव-अम्बुभिः जहौ न धैर्यम् कुपितो ऽपि पाण्डवः सु दुर्ग्रह-अन्तःकरणाः हि साधवः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ततः | ततस् | pos=i |
किरातस्य | किरात | pos=n,g=m,c=6,n=s |
वचोभिः | वचस् | pos=n,g=n,c=3,n=p |
उद्धतैः | उद्धन् | pos=va,g=n,c=3,n=p,f=part |
पराहतः | पराहन् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
शैल | शैल | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
अर्णव | अर्णव | pos=n,comp=y |
अम्बुभिः | अम्बु | pos=n,g=n,c=3,n=p |
जहौ | हा | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
न | न | pos=i |
धैर्यम् | धैर्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
कुपितो | कुप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽपि | अपि | pos=i |
पाण्डवः | पाण्डव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सु | सु | pos=i |
दुर्ग्रह | दुर्ग्रह | pos=a,comp=y |
अन्तःकरणाः | अन्तःकरण | pos=n,g=m,c=1,n=p |
हि | हि | pos=i |
साधवः | साधु | pos=a,g=m,c=1,n=p |