किरातार्जुनीयम् — 13.71
Original
Segmented
सज्यम् धनुः वहति यो अहि-पति-स्थवीयः स्थेयाञ् जयन् हरि-तुरंगम-केतु-लक्ष्म्यम् अस्य अनुकूलय मतिम् मतिमन्न् अनेन सख्या सुखम् समभियास्यसि चिन्तितानि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सज्यम् | सज्य | pos=a,g=n,c=2,n=s |
धनुः | धनुस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
वहति | वह् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अहि | अहि | pos=n,comp=y |
पति | पति | pos=n,comp=y |
स्थवीयः | स्थवीयस् | pos=a,g=n,c=2,n=s |
स्थेयाञ् | स्थेयस् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
जयन् | जि | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
हरि | हरि | pos=a,comp=y |
तुरंगम | तुरंगम | pos=n,comp=y |
केतु | केतु | pos=n,comp=y |
लक्ष्म्यम् | लक्ष्मी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
अनुकूलय | अनुकूलय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
मतिम् | मति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
मतिमन्न् | मतिमत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
अनेन | इदम् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
सख्या | सखि | pos=n,g=,c=3,n=s |
सुखम् | सुखम् | pos=i |
समभियास्यसि | समभिया | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |
चिन्तितानि | चिन्तय् | pos=va,g=n,c=2,n=p,f=part |