किरातार्जुनीयम् — 13.56
Original
Segmented
स अवलेपम् उपलिप्सते परैः अभ्युपैति विकृतिम् रजस्य् अपि अर्थितस् तु न महान् समीहते जीवितम् किमु धनम् धनायितुम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स | स | pos=i |
अवलेपम् | अवलेप | pos=n,g=n,c=2,n=s |
उपलिप्सते | उपलिप्स् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
परैः | पर | pos=n,g=m,c=3,n=p |
अभ्युपैति | अभ्युपे | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
विकृतिम् | विकृति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
रजस्य् | रजस् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
अर्थितस् | अर्थय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
तु | तु | pos=i |
न | न | pos=i |
महान् | महत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
समीहते | समीह् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
जीवितम् | जीवित | pos=n,g=n,c=2,n=s |
किमु | किमु | pos=i |
धनम् | धन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
धनायितुम् | धनाय् | pos=vi |