किरातार्जुनीयम् — 13.13
Original
Segmented
कुरु तात तपांस्य् अमार्ग-दायी विजयाय इति अलम् अन्वशान् मुनिः माम् बलिनः च वधाद् ऋते ऽस्य शक्यम् व्र-संरक्षणम् अन्यथा न कर्तुम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कुरु | कृ | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
तात | तात | pos=n,g=m,c=8,n=s |
तपांस्य् | तपस् | pos=n,g=n,c=2,n=p |
अमार्ग | अमार्ग | pos=n,comp=y |
दायी | दायिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
विजयाय | विजय | pos=n,g=m,c=4,n=s |
इति | इति | pos=i |
अलम् | अलम् | pos=i |
अन्वशान् | अनुशास् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
मुनिः | मुनि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
बलिनः | बलिन् | pos=a,g=m,c=6,n=s |
च | च | pos=i |
वधाद् | वध | pos=n,g=m,c=5,n=s |
ऋते | ऋते | pos=i |
ऽस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
शक्यम् | शक्य | pos=a,g=n,c=1,n=s |
व्र | व्र | pos=n,comp=y |
संरक्षणम् | संरक्षण | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अन्यथा | अन्यथा | pos=i |
न | न | pos=i |
कर्तुम् | कृ | pos=vi |