किरातार्जुनीयम् — 13.10
Original
Segmented
बहुशः कृत-सत्कृति विधातुम् प्रियम् इच्छन्न् अथवा सुयोधनस्य क्षुभितम् वन-गोचर-अभियोगात् गणम् आशिश्रियद् आकुलम् तिरश्चाम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
बहुशः | बहुशस् | pos=i |
कृत | कृ | pos=va,comp=y,f=part |
सत्कृति | सत्कृति | pos=n,g=m,c=6,n=s |
विधातुम् | विधा | pos=vi |
प्रियम् | प्रिय | pos=a,g=n,c=2,n=s |
इच्छन्न् | इष् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
अथवा | अथवा | pos=i |
सुयोधनस्य | सुयोधन | pos=n,g=m,c=6,n=s |
क्षुभितम् | क्षुभ् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
वन | वन | pos=n,comp=y |
गोचर | गोचर | pos=a,comp=y |
अभियोगात् | अभियोग | pos=n,g=m,c=5,n=s |
गणम् | गण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
आशिश्रियद् | आश्रि | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
आकुलम् | आकुल | pos=a,g=m,c=2,n=s |
तिरश्चाम् | तिर्यञ्च् | pos=a,g=m,c=6,n=p |