किरातार्जुनीयम् — 12.6
Original
Segmented
तपसा कृशम् वपुः उवाह स विजित-जगत्त्रय-उदयम् त्रास-जननम् अपि तत्त्व-विदाम् किम् इव अस्ति यन् न सुकरम् मनस्विभिः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तपसा | तपस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
कृशम् | कृश | pos=a,g=n,c=2,n=s |
वपुः | वपुस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
उवाह | वह् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
विजित | विजि | pos=va,comp=y,f=part |
जगत्त्रय | जगत्त्रय | pos=n,comp=y |
उदयम् | उदय | pos=n,g=n,c=2,n=s |
त्रास | त्रास | pos=n,comp=y |
जननम् | जनन | pos=a,g=n,c=1,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
तत्त्व | तत्त्व | pos=n,comp=y |
विदाम् | विद् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
अस्ति | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
यन् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
सुकरम् | सुकर | pos=a,g=n,c=1,n=s |
मनस्विभिः | मनस्विन् | pos=a,g=m,c=3,n=p |