किरातार्जुनीयम् — 12.54
Original
Segmented
कच्छ-अन्ते सुरसरितो निधाय सेनाम् अन्वतिः स किरात-वर्यैः प्रच्छन्नस् तरु-गहनैः स गुल्म-जालैः लक्ष्मीवान् अनुपदम् अस्य सम्प्रतस्थे
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कच्छ | कच्छ | pos=n,comp=y |
अन्ते | अन्त | pos=n,g=m,c=7,n=s |
सुरसरितो | सुरसरित् | pos=n,g=f,c=6,n=s |
निधाय | निधा | pos=vi |
सेनाम् | सेना | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अन्वतिः | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स | कतिपय | pos=a,g=m,c=3,n=p |
किरात | किरात | pos=n,comp=y |
वर्यैः | वर्य | pos=a,g=m,c=3,n=p |
प्रच्छन्नस् | प्रच्छद् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
तरु | तरु | pos=n,comp=y |
गहनैः | गहन | pos=a,g=n,c=3,n=p |
स | स | pos=i |
गुल्म | गुल्म | pos=n,comp=y |
जालैः | जाल | pos=n,g=n,c=3,n=p |
लक्ष्मीवान् | लक्ष्मीवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
अनुपदम् | अनुपद | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
सम्प्रतस्थे | सम्प्रस्था | pos=v,p=3,n=s,l=lit |