किरातार्जुनीयम् — 12.37
Original
Segmented
विवरे ऽपि न एनम् अ निगूढम् अभिभवितुम् एष पारयन् पाप-निरति अ विशङ्कितया विजयम् व्यवस्यति वराह-मायया
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
विवरे | विवर | pos=n,g=m,c=7,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
न | न | pos=i |
एनम् | एनद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अ | अ | pos=i |
निगूढम् | निगुह् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
अभिभवितुम् | अभिभू | pos=vi |
एष | एतद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पारयन् | पारय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
पाप | पाप | pos=n,comp=y |
निरति | निरति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अ | अ | pos=i |
विशङ्कितया | विशङ्क् | pos=va,g=f,c=3,n=s,f=part |
विजयम् | विजय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
व्यवस्यति | व्यवसा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
वराह | वराह | pos=n,comp=y |
मायया | माया | pos=n,g=f,c=3,n=s |