किरातार्जुनीयम् — 12.32
Original
Segmented
इति गाम् विधाय विरतेषु मुनिषु वचनम् समाददे भिन्न-जलधि-जल-नाद-गुरु ध्वनयन् दिशाम् विवरम् अन्धक-अन्तकः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
इति | इति | pos=i |
गाम् | गो | pos=n,g=,c=2,n=s |
विधाय | विधा | pos=vi |
विरतेषु | विरम् | pos=va,g=m,c=7,n=p,f=part |
मुनिषु | मुनि | pos=n,g=m,c=7,n=p |
वचनम् | वचन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
समाददे | समादा | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
भिन्न | भिद् | pos=va,comp=y,f=part |
जलधि | जलधि | pos=n,comp=y |
जल | जल | pos=n,comp=y |
नाद | नाद | pos=n,comp=y |
गुरु | गुरु | pos=a,g=n,c=2,n=s |
ध्वनयन् | ध्वनय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
दिशाम् | दिश् | pos=n,g=f,c=6,n=p |
विवरम् | विवर | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अन्धक | अन्धक | pos=n,comp=y |
अन्तकः | अन्तक | pos=a,g=m,c=1,n=s |