किरातार्जुनीयम् — 12.15
Original
Segmented
मरुताम् पतिः स्विद् अहिमांशुः उत पृथु-शिखः शिखी तपः तप्तुम् असुकरम् उपक्रमते न जनो ऽयम् इत्य् अवयये स तापसैः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
मरुताम् | मरुत् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
पतिः | पति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स्विद् | स्विद् | pos=i |
अहिमांशुः | अहिमांशु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उत | उत | pos=i |
पृथु | पृथु | pos=a,comp=y |
शिखः | शिखा | pos=n,g=m,c=1,n=s |
शिखी | शिखिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
तपः | तपस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तप्तुम् | तप् | pos=vi |
असुकरम् | असुकर | pos=a,g=n,c=2,n=s |
उपक्रमते | उपक्रम् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
न | न | pos=i |
जनो | जन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽयम् | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इत्य् | इति | pos=i |
अवयये | अवया | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तापसैः | तापस | pos=n,g=m,c=3,n=p |