किरातार्जुनीयम् — 11.81
Original
Segmented
प्रीते पिनाकिनि मया सह लोकपालैः लोकत्रये ऽपि विहित-अ प्रतिवारय्-वीर्यः लक्ष्मीम् समुत्सुकयितासि भृशम् परेषाम् उच्चार्य वाचम् इति तेन तिरोबभूवे
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्रीते | प्री | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
पिनाकिनि | पिनाकिन् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
सह | सह | pos=i |
लोकपालैः | लोकपाल | pos=n,g=m,c=3,n=p |
लोकत्रये | लोकत्रय | pos=n,g=n,c=7,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
विहित | विधा | pos=va,comp=y,f=part |
अ | अ | pos=i |
प्रतिवारय् | प्रतिवारय् | pos=va,comp=y,f=krtya |
वीर्यः | वीर्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
लक्ष्मीम् | लक्ष्मी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
समुत्सुकयितासि | समुत्सुकय् | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |
भृशम् | भृशम् | pos=i |
परेषाम् | पर | pos=n,g=m,c=6,n=p |
उच्चार्य | उच्चारय् | pos=vi |
वाचम् | वाच् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
इति | इति | pos=i |
तेन | तेन | pos=i |
तिरोबभूवे | तिरोभू | pos=v,p=3,n=s,l=lit |