किरातार्जुनीयम् — 11.64
Original
Segmented
गुरून् कुर्वन्ति ते वंश्यान् अन्वर्था तैः वसुंधरा येषाम् यशांसि शुभ्राणि ह्रेपयन्ति इन्दु-मण्डलम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
गुरून् | गुरु | pos=n,g=m,c=2,n=p |
कुर्वन्ति | कृ | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
वंश्यान् | वंश्य | pos=n,g=m,c=2,n=p |
अन्वर्था | अन्वर्थ | pos=a,g=f,c=1,n=s |
तैः | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
वसुंधरा | वसुंधरा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
येषाम् | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
यशांसि | यशस् | pos=n,g=n,c=1,n=p |
शुभ्राणि | शुभ्र | pos=a,g=n,c=1,n=p |
ह्रेपयन्ति | ह्रेपय् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
इन्दु | इन्दु | pos=n,comp=y |
मण्डलम् | मण्डल | pos=n,g=n,c=2,n=s |