Original

श्रेयसीं तव सम्प्राप्ता गुणसम्पदम् आकृतिः ।सुलभा रम्यता लोके दुर्लभं हि गुणार्जनम् ॥

Segmented

श्रेयसीम् तव सम्प्राप्ता गुण-संपदम् आकृतिः सुलभा रम्य-ता लोके दुर्लभम् हि गुण-अर्जनम्

Analysis

Word Lemma Parse
श्रेयसीम् श्रेयस् pos=a,g=f,c=2,n=s
तव त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
सम्प्राप्ता सम्प्राप् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
गुण गुण pos=n,comp=y
संपदम् सम्पद् pos=n,g=f,c=2,n=s
आकृतिः आकृति pos=n,g=f,c=1,n=s
सुलभा सुलभ pos=a,g=f,c=1,n=s
रम्य रम्य pos=a,comp=y
ता ता pos=n,g=f,c=1,n=s
लोके लोक pos=n,g=m,c=7,n=s
दुर्लभम् दुर्लभ pos=a,g=n,c=1,n=s
हि हि pos=i
गुण गुण pos=n,comp=y
अर्जनम् अर्जन pos=n,g=n,c=1,n=s