किरातार्जुनीयम् — 10.53
Original
Segmented
कुसुमितम् अवलम्ब्य चूतम् उच्चैस् तनुः इभ-कुम्भ-पृथु-स्तन-आनत-अङ्गी तद्-अभिमुखम् अनङ्ग-चाप-यष्टिः विसृत-गुणा इव समुन्ननाम काचित्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कुसुमितम् | कुसुमित | pos=a,g=m,c=2,n=s |
अवलम्ब्य | अवलम्बय् | pos=vi |
चूतम् | चूत | pos=n,g=m,c=2,n=s |
उच्चैस् | उच्चैस् | pos=i |
तनुः | तनु | pos=a,g=f,c=1,n=s |
इभ | इभ | pos=n,comp=y |
कुम्भ | कुम्भ | pos=n,comp=y |
पृथु | पृथु | pos=a,comp=y |
स्तन | स्तन | pos=n,comp=y |
आनत | आनम् | pos=va,comp=y,f=part |
अङ्गी | अङ्ग | pos=a,g=f,c=1,n=s |
तद् | तद् | pos=n,comp=y |
अभिमुखम् | अभिमुख | pos=a,g=n,c=2,n=s |
अनङ्ग | अनङ्ग | pos=n,comp=y |
चाप | चाप | pos=n,comp=y |
यष्टिः | यष्टि | pos=n,g=f,c=1,n=s |
विसृत | विसृ | pos=va,comp=y,f=part |
गुणा | गुण | pos=n,g=f,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
समुन्ननाम | समुन्नम् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
काचित् | कश्चित् | pos=n,g=f,c=1,n=s |