किरातार्जुनीयम् — 10.47
Original
Segmented
सखि दयितम् इह आनय इति सा माम् प्रहितवती कुसुमेषुना अभितप्ता हृदयम् अहृदया न नाम पूर्वम् भवत्-उपकण्ठम् उपागतम् विवेद
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सखि | सखी | pos=n,g=f,c=8,n=s |
दयितम् | दयित | pos=a,g=m,c=2,n=s |
इह | इह | pos=i |
आनय | आनी | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
इति | इति | pos=i |
सा | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
प्रहितवती | प्रहि | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
कुसुमेषुना | कुसुमेषु | pos=n,g=m,c=3,n=s |
अभितप्ता | अभितप् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
हृदयम् | हृदय | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अहृदया | अहृदय | pos=a,g=f,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
नाम | नामन् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
पूर्वम् | पूर्वम् | pos=i |
भवत् | भवत् | pos=a,comp=y |
उपकण्ठम् | उपकण्ठ | pos=n,g=n,c=2,n=s |
उपागतम् | उपागम् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
विवेद | विद् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |