किरातार्जुनीयम् — 10.17
Original
Segmented
अथ कृतक-विलोभनम् विधित्सौ युवति-जने हरिसूनु-दर्शनेन प्रसभम् अवततार चित्तजन्मा हरति मनो मधुरा हि यौवन-श्रीः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अथ | अथ | pos=i |
कृतक | कृतक | pos=a,comp=y |
विलोभनम् | विलोभन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
विधित्सौ | विधित्सु | pos=a,g=m,c=7,n=s |
युवति | युवति | pos=n,comp=y |
जने | जन | pos=n,g=m,c=7,n=s |
हरिसूनु | हरिसूनु | pos=n,comp=y |
दर्शनेन | दर्शन | pos=n,g=n,c=3,n=s |
प्रसभम् | प्रसभम् | pos=i |
अवततार | अवतृ | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
चित्तजन्मा | चित्तजन्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
हरति | हृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
मनो | मनस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
मधुरा | मधुर | pos=a,g=f,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
यौवन | यौवन | pos=n,comp=y |
श्रीः | श्री | pos=n,g=f,c=1,n=s |