किरातार्जुनीयम् — 1.35
Original
Segmented
विजित्य यः प्राज्यम् अयच्छद् उत्तरान् कुरून् अकुप्यम् वसु वासव-उपमः स वल्क-वासांसि ते अधुना हरन् करोति मन्युम् न कथम् धनंजयः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
विजित्य | विजि | pos=vi |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्राज्यम् | प्राज्य | pos=a,g=n,c=2,n=s |
अयच्छद् | यम् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
उत्तरान् | उत्तर | pos=a,g=m,c=2,n=p |
कुरून् | कुरु | pos=n,g=m,c=2,n=p |
अकुप्यम् | अकुप्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
वसु | वसु | pos=n,g=n,c=2,n=s |
वासव | वासव | pos=n,comp=y |
उपमः | उपम | pos=a,g=m,c=1,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वल्क | वल्क | pos=n,comp=y |
वासांसि | वासस् | pos=n,g=n,c=2,n=p |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
अधुना | अधुना | pos=i |
हरन् | हृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
करोति | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
मन्युम् | मन्यु | pos=n,g=m,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
कथम् | कथम् | pos=i |
धनंजयः | धनंजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |